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जैविक आम केलिए उपाय

 फलों के फसलों पर  रासायनिक कीटनाशकों को छिड़कने से कीटनाशकोंमे स्तिथ रासायनिक अंश वैसे ही फलोंमें बच जाता है|ऐसे फलों के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। जिन उपभोक्ताओं को इस मामले की जानकारी है, वे जैविक फलों की मांग कर रहे हैं। शहरोंमें जैविक फलों केलिए ही एक अलग से बाज़ार बनाया गया हैं| विदेशों में भारत के जैविक फलों केलिए ज्यादा मांग रहा है| इस केलिए विदेशोंमें भारत का बहुत बड़ा योगदान है। ऐसे अवसरों का उपयोग उत्पादकों द्वारा किया जाना चाहिए।इस संबंध में, फलों के राजा आम को रासायनिकमुक्त से विक्सित करने की आवश्यकता है, जो सभी दृष्टि से सकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकता है|

   आम फल को रासायनिक प्रणाली में वृद्धि और  जैविक प्रणाली में वृद्धि करने के बीच में प्रमुख अंतर है|  कीट प्रतिरोधी कीटनाशकों के प्रयोग से भू, जल और उत्पादकोंके स्वस्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| रासायनिक खेती से व्यय भी ज्यादा रहता है| फलों को हानि पहुंचानेवाले कीटोंमे रासायनिक प्रतिरोध गुण रहता है|  “इस दिशा में कीटों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए चालाक जाल का उपयोग करना उचित है। कीट शास्त्रज्ञोंका कहना है की,  इन कीटों से मुक्ति  केलिए आम जब आम  गोलियों  के रूप में  रहते हैं तब ही जाल का उपयोग करें|

कर्नाटक तुमकुरु जिला गिदड़पाल्य वासी गंगाधरययाजीका कहना है की, इस मोहक जाल के उपयोगसे कीटों से संरक्षण होगा| न की सिर्फ कीटों से संरक्षण, बाग़ में आम की पैदावार भी ज्यादा होजाताहै है| लम्बे समय तक चलनेवाली फल भी मिलते हैं| यह जो है वह इनका सिर्फ कहनाा ही नहीं अनुभव का ख़ुशी की बोली है|  मोहक जाल के भीतर रहनेवाले लौर मादा गंध को वातातवरण में फैलते है तो, उस ओर फ्रूटफ्लाई  आकर्षित होजाते हैं |

इन प्यारे जालों के उपयोग से आम की वृद्धि और पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं हो सकता है। इनके प्रयोग से जैविक पद्धति  में आम को उगाने में मदद मिल सकती है।   जब आम गोलिके रूपममें रहते है, उसी समय एक एकर को आठ मोहक जालोंको बान्दाना चाहिए| इस तरह करने से खेती के प्रदेश में स्थित फ्रूट फ्लाई नियंत्रित किया जा सकता है| इन जालों को बगीचे में तब तक बांधना चाहिए जब तक कि आम की फसल न आ जाए। एक बार जब उनके पास एक जाल होता है, तो वे लंबे समय तक चलने वाले होते हैं|

अधिक जानकारी के लिए: 99008 00033

  

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